ॐ भूर्भुव स्वाहा तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्
🔑इस मंत्र को आप गायत्री मंत्र कहते हैं यह मंत्र यजुर्वेद अध्याय 36 का मंत्र 3 है इस मंत्र में ओम नहीं लगा हुआ है और इस मंत्र के आगे ॐ लगाना भी महापाप है क्योंकि सच्चिदानंदघन ब्रह्म की बाणी में ना तो कुछ बढ़ा सकते हैं ना तो घटा सकते हैं क्योंकि यह दोनों ही पाप है इसलिए इस मंत्र का जाप करना व्यर्थ है इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
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