शनिवार, 14 मई 2016

मथुरा वाले बाबा जयगुरुदेव की भविष्यवाणी


खुशखबरी वह संत आ चुका है जिसकी भविष्यवाणी मथुरा वाले बाबा जयगुरूदेव (तुलसीदास) द्वारा कि गई है सन् 7 सितम्बर 1971 आखिर कौन है वह संत जिसके लिए जयगुरूदेव के हजारो समर्थको ने खाना पीना त्याग दिया और खोज मे लगे हुए है रिपोर्टर सन् 1971 मथुरा के संत जयगुरूदेव जी ने सन् 1971 मे एक भविष्यवाणी की थी और वह शाकाहारी पत्रिका मे छपा था की "वह अवतार जिसकी लोग प्रतिक्षा कर रहै है वह 20 वर्ष का हो चुका है यदि उसका पता बता दू तो लोग उसके पीछे पड जाएंगे अभी ऊपर से आदेश बताने को नही हो रहा मै समय का इंतजार कर रहा हू समय आते सबको सब कुछ मालूम हो जाएगा " इस बात को सुनकर उनके अनुयायियो ने पूछा कि वह अभी कहा है व बार बार आग्रह करने पर बताया की "महापुरूष का जन्म भारतवर्ष के छोटे से गाव मे हो चुका है और वह व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा उसे जनता का इतना बडा समर्थन प्राप्त होगा आज तक किसी को नही मिला वह महापुरूष नए सिरे से विधान को बनाएगा और विशव के सभी देशो को लागू होगा उसकी एक भाषा होगी उसका एक झंडा होगा " लेकिन जय गुरुदेव पन्थ के हजारो भगत ले चुके हैं अन्न त्याग का दृढ़ संकल्प जय गुरु देव पंथ के मुखी बाबा तुलसी दास साहेब ने जब से इस बात की भविष्यवाणी की कि वह सन्त जिसकी अध्यक्षता मे सतयुग जैसा माहौल कलयुग मे आयेगा उसका जन्म हो चुका है। तब से जयगुरुदेव पंथ के अधिकांश अनुयायी उस सन्त की खोज मे रात दिन लगे रहते है। आपको यह जानकर आश्चर्य भले ही हो पर यह सत्य है। जय गुरुदेव पंथ के हजारों भगतो ने उस सन्त की खोज के पूरे होने तक अन्न का त्याग कर रखा है। बाबा जय गुरु देव के समर्थको द्वारा बार बार यह प्रश्न किये जाने पर कि बाबा आप कहते रहते है सतयुग आयेगा कलयुग जायेगा पर अभी तक सतयुग जैसा माहौल उत्पन्न नही हुआ है अपितु घोर कलयुग आता जा रहा है तब स॔गत के बार बार आग्रह करने पर बाबा जय गुरुदेव ने 7 सितम्बर 1971 को इस बहुचर्चित प्रश्न पर पटाक्षेप करते हुये उदघोषित किया कि उनकी अगुवाई मे सतयुग जैसा माहौल नही आयेगा अपितु वह सन्त कोई और है बाबा जयगुरुदेव के मुख से ऐसा वक्तव्य सुनकर बाबा जयगुरुदेव के सभी अनुयायियों को विस्मय भरा घोर आश्चर्य हुआ ।तब उन सभी अनुयायियों ने उन सन्त के बारे मे और ज्यादा जानकारी जाननी चाही तब जयगुरुदेव ने 7 सितम्बर 1971 को बताया कि आज वह सन्त पूरे वीस वर्ष का हो चुका है। जय गुरुदेव के उक्त वचन के अनुसार उस सन्त की जन्म तिथि 8 सितम्बर 1951 बनती है।क्योंकि 7 सितम्बर 1971 को उन सन्त जी ने पूरे 20 वर्ष पूर्ण किये थे। जयगुरुदेव के जीवित रहते ही इस बिषय पर मन्थन शुरु हो गया था कि वह सन्त कौन है जिनकी जन्मतिथि 8 सितम्बर 1951 है।इसी क्रम मे बाबा जयगुरुदेव के कुछ 8 सितम्बर 1951 को जन्मे व कुछ 7 सितम्बर 1951 को जन्मे 11 अनुयायियों ने वह सन्त होने का दावा ठोंका जिसे बाबा जयगुरुदेव ने रिजेक्ट कर दिया था उसके बाद अनेको भगत यह दावा ठोंकते रहे पर बाबा जयगुरुदेव ने सभी दावे निरस्त करते हुये यहाँ तक कह दिया था कि उनके शिष्यों मे कोई भी वह सन्त नही है।इसके बाद सन 1981 की गुरुपूर्णिमा पर भी बाबा जयगुरुदेव ने उन सन्त का पुनः जिक्र किया।और ठोंककर कर कहा कि वह सन्त 30 वर्ष का होने जा रहा है इसके वाबजूद भी जयगुरुदेव पंथ के कई अनुयायियों ने अपने मत से अनेक सन्त मत चला रखे है ज्ञात हो कि बाबा जयगुरुदेव ने मृत्यु पर्यन्त किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नही बनाया था।फिर भी बाबा जयगुरुदेव के अनेकानेक अनुयायी साम दाम दन्ड भेद के सिद्धान्त की आड़ लेकर गुरुपद पर विराज मान हो गये है। पर इसके ठीक विपरीत जयगुरुदेव पंथ के हजारों की संख्या मे अनुयायियों ने खुद को गुरुपद पर विराजित करने के स्थान पर उन परम सन्त की खोज मे अन्न का त्याग कर रखा है जिन सन्त की जन्म तिथि 8 सितम्बर 1951 है। अब इनको कौन समझाये कि वह सन्त और कोई नही बल्कि सन्त रामपाल जी महाराज ही है। जानिए वह संत कौन है 7:40 से 8:40 रात रोजाना साधना चैनल पर और हरियाणा न्यूज चैनल पर 6:00 से 7:00 तक

40 टिप्‍पणियां:

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    2. Koi nahi hain or bhi ghor kalyug aayega abhi to

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    3. अंधे हो क्या। जो समझ और देख कर भी जान बूझ कर नकार रहे वह धार्मिक नेता होगा मोदी जी नहीं है। उनके लिए तो अलग से है नास्त्रेदमस ने और अवतार के लिए भी

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  3. यहाँ सन्त की बात हो रही है ।
    और रामपाल जी महाराज ही वो पूर्ण सन्त है ।
    ये सारी भविष्यवाणियां उनपर सिद्ध होती है ।

    फाई सूरत मलूकी वेष ,उह ठगवाला ठग्गी देश।
    खरा स्याना बहोता बार , ये धानक रूप रहा करतार ।

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    1. संत रामपाल का जन्म 8 सितंबर 1951 को हुआ इस लिहाज से संत रामपाल जी सितम्बर 1971को 19वर्ष के होंगे समझे
      नरेन्द्र मोदी जी का जन्म 1950 को हुआ इस लिहाज से मोदीजी पर ये बात फिट बेठ रही है़ हीसाब लगाओ फिर बोलो

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    2. Rampal ji to Kabir ji ko baghwan bolte hain unhe kuch nahi pata waha bewkoof bana rhe hain sabhi ko or apne aap ko avtar ghoshit kr rahe hain mujhe to ye samaj ni aata log unki baat pr vishwaash kese krte hain

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    3. Ek hi wqt me visw me pta nhi kitne bache paida hote h jb tk kuch clear na btaye tb tk jada dimag na lgaye thik h

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  4. Tum log gadhe ho jab ak mahapurs ne an bhvisyvani me kaha hai aurager giski janm tithi8sept,1971ko20yearto sant rampal par phit bathti hai

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  5. वो तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी है दुसरा कोई नही

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  6. O mahapurush Narendra MoDi h
    Aaj aap dekh sakte h ki satta unke hath me h pura vishwa unki bato ko manta h naye naye neeyam ban rahe h bhrastachar mit raha h aap ek bar pahchano

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  7. वे संत रामपालजी महाराज है

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  8. तत्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज ही है सत्य गुरु।

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  9. Rampal jaisa papi aur ahnkari ho nhi Sakta
    Koi honge jab uper se Adesh hoga pata LG jayega

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  10. रामपाल कभी नहीं हो सकता वह तो बाबा जयुरुदेव का शिष्य था जो बाबा जी की बातो का अवहेलना करता अपने आप को संत कहता है । जो अपने गुरु से धोखा करे उसको संत नहीं कहा जा सकता ।

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  11. m purn rrop se daabe ke sath bol sakta hu woh mahapursh shri Narender Modi ji hai, aaj pure sansar m ek hi naam gunj raha hai modi, or yeh wo lehar hai, jo ki sampurn roop se ek din pure sansar m badlaw layegi, or phir se ek bar sampurn rrop se visv bhar mai, snatam dharm ka jhanda lehrayega, or bhart phir se rishi muniyo ka visvguru desh ke rrop mai vikhyat hoga , Jay Gurudev maharaj sat sat Naman Guru dev charno mai

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  12. किसी भी गलतफहमी का शिकार न बने। महानता बचपन से दिखनी शुरू हो जाती है। यदि ऐसा आदमी अभी तक दुनिया के सामने नहीं आया है तो समझिए कि सब बेकार की बातें हैं। मस्त रहो , परिवर्तन संसार का नियम है और उसको सहजता से स्वीकार कर आगे बढ़ते रहो। ध्यान रखें जीवन ही महत्वपूर्ण है, धर्म के बिना जी सकते हैं, जीवन को सहज स्वीकार करें, कर्म करते रहे।

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  13. Bhartvars ek chote gav me nhi blki ye kha h ki unka janm Uttar prdesh k ek chote gav me hua h....vo to sbke same prtyksh h pr usse koi smj nhi paa rha vo h kon...

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  14. गरीब, महिमा अबिगत नाम की, जानत बिरले संत आठ पहर धुनि ध्यान है, मुनि जन अनंत।77||
    गरीब, चन्द सूर पानी पवन, धरनी धौल अकास पांच तत्त हाजरि खड़े, खिजमतिदार खवास।।78।।
    गरीब, काल करम करै बदंगी, महाकाल अरदास । मन माया अरु धरमराय, सब सिर नाम उपास।I79 ।।
    गरीब, काल डरे करतार सै, मन माया का नास। चंदन अंग पलटे सबै, एक खाली रह गया बांस I80 ।।
    गरीब, सजन सलौना राम है, अबिगत अन्यत न जाई। बाहिर भीतर एक है, सब घट रह्या समाई। 181 ।।
    गरीब, सजन सलौना राम है, अंचल अभंग एका आदि अंत जाके नहीं, ज्यूं का त्यूही देख। 182||
    गरीब, सजन सलौना राम है, अचल अभंग ऐंन । महिमा कही न जात है, बोले मधुरै बैन। 183 ||
    गरीब, सजन सलौना राम है, अचल अभंगी आदि। सतगुरु मरहम तासका, साखि भरत सब साध |I 184 ।।
    गरीब, सजन सलौना राम है, अचल अभंगी पीर चरण कमल हंसा रहे, हम हैं दामनगीर || 185 ||
    गरीब, सजन सलौना राम है, अचल अभंगी आप। हद बेहद सें अगम है, जपो अजपा जाप ।| 186 ।।
    गरीब, ऐसा भगली जोगिया, जानत है सब खेल। बीन बजावें मोहिनी, जुग जंत्र सब मेल ।| 187 |।

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