शनिवार, 16 अप्रैल 2016
माता के नवरात्रि
माता की नवरात्रि
,,, जी हाँ पूरे भारत में माता के नवरात्रों का दौर चल रहा है और भोला भला समाज व्रत और जागरण करवा कर अपने उद्धार की सोच रहा हैं पर आप को एक बात बता दें कि इस तरह से आपका उद्धार हो या ना हो पर नकली पुजारियों , पांडो का उद्धार जरूर है, शायद आपको बुरा लगे पर एक बार पोस्ट को पूरा पढ़ लें फिर विचार करें I
,,, हमारे कल्याण का मार्ग हमारे धर्म ग्रंथो और शास्त्रों में लिखा है और गीता जी के अध्याय न. 16 के श्लोक 23 में सपष्ट लिखा हैं कि अर्जुन शास्त्र विधि को त्याग कर जो लोग मनमाना आचरण करते हैं उन्हें कोई लाभ नहीं होता और विचार करने की बात भी हैं कि इन पुजारियों द्वारा प्राचीन काल से ही नवरात्रे और ना जाने कौन कौन से व्रत रखवाएं जा रहे हैं पर ना तो मेरे भारत देश में उन्नति हुयी हैं और ना गरीब का भला हुआ हैं बल्कि और भी ज्यादा पतन हो गया है I
, आप सभी अपने आप को पढ़ा लिखा मानते हो बाजार से सब्जी भी लाते हो तो विचार करते हो कि ये खराब न हो तो फिर भगती मार्ग में इतनी सुस्ती क्यूँ कोई जैसा कह देता है कर देते हो विचार करने वाली बात है हमारे पवित्र ग्रन्थ गीता में अर्जुन को श्री कृष्ण जी कहते हैं कि :
,,,, अर्जुन न तो ज्यादा खाने वाले का और न ही बिलकुल न खाने वाले का , और न ज्यादा सोने वाले का और नही ज्यादा जागने वाले का ये योग सफल होता हैं तो फिर व्रत किस लिए I
,,,, एक बात और नवरात्रे तो 9 दिन के होते हैं पर साल में 365 दिन होते हैं बाकी के दिन वो माँ को कैसे मनाते हो और यहाँ तक कि कुछ मुर्ख तो ऐसे हैं सारा साल शराब पीते हैं और इन दिनों में अपने आप को महा ज्ञानी समझ बैठते हैं ये कोई बात हैं I
,,, नानक जी ने गुरु ग्रन्थ साहेब में लिखा हैं कि
रखे व्रत ते छोड़े अन्न , ना ओह सुहागन न ओह रन्न II
यानी व्रत रखने वाले और अन्न छोड़ने वाले पाखंडी हैं उन्हें भगवान् से क्या लेना
,,,, यहाँ तक कि महात्मा वुद्ध जैसे महापुरुषों ने बारह साल तक व्रत रखा और अंत में एक ही बात बोली :
STARVATION COULD NOT LEAD TO SALVATION
भूखा मरने से उद्धार नहीं होता I
इसलिए मैं अपने पढ़े लिखे भाई बहनों से उम्मीद करता हूँ कि वो इस विषय में सोचे अपने ग्रंथो को पढ़े अगर आप वास्तव में शिक्षित है तो सोचें और अगर नहीं हैं तो किसी पढ़े लिखे से पूछ लें I
सत साहेब II
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