🙏🌹सत साहिब जी🌹🙏
भौसागर के पक्षी तीन प्रकार के होते है, जो कि इस प्रकार है|
जगत के पक्षी 👉 ये हमेशा आकाश मे ही उडते रहते है और इनको किसी बात की चिंता और भगवान से डर नही होता है | कहावत है कि अपनी खाल मे मस्त रहते है| पर इनको ज्ञान नही है कि यहा का बाजीगर(काल) एक दिन पंख काट देगा|
इनका जीवन उद्देश्य बकवास करना और मौज मस्ती मारना होता है|
जगत&भगत पक्षी👉 ये सबसे अजीब पक्षी होते है भौसागर के जो कि आकाश से गिरते है खजुर मे आकर अटक जाते है| हमेशा यही सोच मे रहते है कि आकाश मे वापस जाऊ या धरती पर जाऊ| कहावत है कि धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का| दिलचस्प बात यह है कि इनका उद्देश्य ही नही होता है, खजुर पर जो बैठता है वो कभी आकाश की ओर देखता है तो कभी धरती की ओर | फिर ये भी पंख कटवा लेते है बाजीगर से|
भगत पक्षी👉 ये बहुत ही अच्छे पक्षी होते है जो अपनी औकात से परिचत हो जाते है| क्योकि इनको ज्ञान हो चुका होता है कि दाना-पानी धरती पर ही मिलेगा| ना तो खजुर पर अटकने से मिलेगा और ना ही आकाश मे उडने से |
इनका उद्देश्य बाजीगर के ही पंख काटकर(काल के जाल) अपने घर(सतलोक) मे जाना होता है|
🙏🌹जय बंदीछोड की🌹🙏
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