रविवार, 17 अप्रैल 2016

सत्गुरू पुरुष कबीर हैं


सत् साहेब सतगुरु देव की जय Kabir Is God- सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान। झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।। -गरीबदास जी और संत सब कूप हैं, केते झरिता नीर। दादू अगम अपार है, दरिया सत्य कबीर।। -दादु दयाल जी वाणी अरबो खरवो, ग्रन्थ कोटी हजार। करता पुरुष कबीर, रहै नाभे विचार।। -नाभादास जी साहेब कबीर समर्थ है, आदी अन्त सर्व काल। ज्ञान गम्या से देदीया, कहै रैदास दयाल॥ -रैदास जी नौ नाथ चौरसी सिद्धा, इनका अन्धा ज्ञान। अवीचल ज्ञान कबीर का, यो गति विरला जान॥ -गोरखनाथ जी खालक आदम सिरजिआ आलम बडा कबीर॥ काइम दिइम कुदरती सिर पीरा दे पीर॥ सयदे (सजदे) करे खुदाई नू आलम बडा कबीर॥ -नानक जी बाजा बाजा रहितका, परा नगरमे शोर। सतगुरू खसम कबीर है, नजर न आवै और॥ -धर्मदास जी सन्त अनेक सन्सार मे, सतगुरू सत्य कबीर। जगजीवन आप कहत है, सुरती निरती के तीर॥ -जगजीवन जी तुम स्वामी मै बाल बुद्धि, भर्म कर्म किये नाश। कहै रामानन्द निज ब्रह्म तुम, हमरा दुढ विश्वास।। -रामानन्द जी कबीर इस संसार को, समझांऊ के बार । पूंछ जो पकङे भेड़ की, उतरया चाहे पार ॥ -कबीर साहेब** सत् साहेब..

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